मोदी जी बैंक बेचने निकले
मोदी सरकार आईडीबीआई बैंक बेच रही है।आईडीबीआई बैंक में सबसे बदतर खराब लोन का रेश्यो है, वित्तीय वर्ष 2016-17 में आईडीबीआई बैंक का नुकसान 5158 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2017-18 में 8237 करोड़ रुपये हो गया है। उसका एनपीए भी इस दौरान 32 फीसदी बढ़कर 55 हजार 588 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
आईडीबीआई एकमात्र ऐसा सरकारी बैंक है, जो बैंक राष्ट्रीयकरण कानून के दायरे में नहीं है। इसलिए सरकार को अपना हिस्सा बेचना अपेक्षाकृत आसान है क्योंकि इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत भी नहीं है।फ़िलहाल 40 से 43 फीसदी हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेचने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है।
सरकार इसलिए अलग होना चाहती है क्योंकि निजीकरण के बाद सरकार पर घाटे और एनपीए से जूझ रहे आईडीबीआई को दोबारा पूंजी उपलब्ध नहीं कराना होगा ।
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