अखिर कब तक! जम्मू कश्मीर में उत्तराखंड़ का एक और लाल शहीद…
आखिर कब तक ? यह होता रहेगा? सरहद पर वीर जवान अपनी जान की कुर्बानी देते रहेगें। अपनी दों दिन पहले उत्तराखंड़ ने दो लालों कों खोया ही था के फिर एक और लाल शरहइद पर र्कुबान हो गया। जी हां, देश की सीमा पर उत्तराखंड़ का एक और लाल शहीद हो गया है। जम्मू कश्मीर में प्रदीप रावत सीमा के पास एक बारूदी सुरंग के विस्फोट में घायल हो गए थे, जिसके बाद सैन्य चिकित्सालय में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक प्रदीप रावत (30 वर्ष) पुत्र कुंवर सिंह रावत निवासी अपर गंगानगर ऋषिकेश, गढ़वाल राइफल की चैथी बटालियन में तैनात थे। वर्तमान में प्रदीप रावत जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में तैनात थे। बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक सैन्य अभियान के दौरान सीमा पर दुश्मन की ओर से बिछाई गई बारूदी सुरंग के फट जाने से प्रदीप रावत गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें सैन्य वाहन से पहले नजदीकी अस्पताल और फिर हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया। शाम करीब चार बजे हायर सेंटर में पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शहीद प्रदीप रावत मूल रूप से बैराई गांव पट्टी दोगी टिहरी गढ़वाल के रहने वाले हैं। शहीद प्रदीप रावत के पिता कुंवर सिंह रावत सेना से रिटायर्ड हैं, वर्तमान में वह एम्स में कार्यरत है। शहीद प्रदीप रावत तीन बहनों के इकलौते भाई थे। करीब डेढ़ साल पहले ही प्रदीप रावत की शादी हुई थी।प्रदीप रावत की शहदात की सूचना के बाद घर पर कोहराम है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद के घर पर पहुंचकर उनके पिता कुंवर सिंह रावत को सांत्वना दी।
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