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Wednesday, August 29, 2018

उत्तराखंड की संस्कृति मोब लिचिंग के लिए उचित नहीं

उत्तराखंड की संस्कृति मोब लिचिंग के लिए उचित नहीं

देहरादून। मोब लिंचिंग का मामला भले ही उत्तराखंड में न हो पर यहां के बुद्धिजीवी और भाजपा विरोधी नेता इस मामले पर एकजुट है। उनका कहना है कि उत्तराखंड राज्य में भीड़ की हिंसा और नफरत की राजनीति को नहीं पनपने दिया जाएगा। सांप्रदायिकता, महिला हिंसा और भीड़ हिंसा को बढ़ावा दिए जाने का आरोप लगाते हुए इन जन संगठनों के बुदिजीवी नेताओं ने एक स्थानीय होटल में पत्रकार वार्ता की तथा प्रदेश सरकार आरोप लगाया कि जब-जब भाजपा आती है भीड़ की हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है। सतपुली से लेकर घनसाली तक लगातार दंगा फैलाने की कोशिश की गई। संप्रदाय विशेष के लोगों पर आरोप लगाकर उनकी पिटाई की गई व दुकानें तोड़ी गई। उसकी आड़ में सांप्रदायिकता को फैलाकर मोब लिंचिंग को बढ़ावा दिया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार एवं वामपंथी चिंतक जयप्रकाश उत्तराखंडी ने कहा कि राज्य में महिला सुरक्षा हाशिये पर है। उत्तराखंड में अब तक इस तरह की कोशिशें नहीं हुई है लेकिन वर्तमान सरकार के आने के बाद राज्य को भीड़ की हिंसा में धकेला जा रहा है। यह हिंसा उत्तराखंड की संस्कृति और कानून व्यवस्था के खिलाफ है। इन लोगों का कहना है कि इस मुद्दे पर वामपंथी और बुद्धिजीवी बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी तैयारी की जा रही है। पहले एक बड़ा जुलूस निकाला जायेगा और बाद में आंदोलन को धार दी जाएगी। पत्रकार वार्ता में जय प्रकाश उत्तराखंड के अलावा कविता कृष्ण पल्लवी, अपूर्व समेत कई वामपंथी नेता व चिंतक उपसिथत थे।

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