जानें पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व, इस व्रत कों करने से मिलता है श्रेष्ठ संतान का वरदान, पूर्ण होती है सभी मनोकामनाएं…..
पुत्रदा एकादशी व्रत से गाय के महत्व का पता चलता है। गाय में तो वैसे भी सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है। पद्म पुराण श्रेष्ठ संतान और ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी व्रत करने को प्रेरित करता है। इस एकादशी को पवित्रा और पापनाशिनी एकादशी भी कहते हैं। संतानहीन इस व्रत से संतान प्राप्त कर सकता है। इस व्रत से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं। शिवजी भी प्रसन्न होते हैं, क्योंकि यह उनके प्रिय श्रावण मास में आती है। संभव हो तो इस दिन शिव जी का अभिषेक जरूर करें। यह व्रत पौष और श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही किया जाता है। इस बार यह 22 अगस्त को है।आगे पढ़ें
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