भगवान विष्णु को पाने के लिए देवी लक्ष्मी ने मनाया था रक्षाबंधन का त्यौहार, आप भी पढ़ियें और शेयर कीजिए…..
बचपन से बड़े होने तक और बाद में बहन की शादी के बाद अलग हो जाने पर भी बहन-भाई का प्यार कम नहीं होता। एक बहन का प्यार ऐसा है कि चाहे उसका भाई उसकी कोई बात ना माने, फिर भी वह आखिरी श्वास तक चाहेगी कि उसका भाई हमेशा खुश रहे। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्यार की निशानी है, जिसे वर्षों से मनाया जा रहा है। भाई-बहन के विश्वास को बनाए रखने वाला यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। लेकिन इसे क्यों मनाते हैं इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे इतिहास में ऐसी कई कहानियां दर्ज हैं जो रक्षाबंधन के त्यौहार की महत्ता दर्शाती हैं। यह कहानियां पौराणिक काल से जुड़ी हैं। कहानी है भगवान विष्णु से संबंधित है, जिसके अनुसार राजा बालि ने जब 110 यज्ञ पूर्ण कर लिए तब देवताओं का डर बढ़ गया।आगे पढ़ें
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